कम पानी से नहीं कम अकली से पड़ता है अकाल
Author: चतरसिंह जाम राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामगढ़ क्षेत्र में पिछले वर्ष कुल 48 मिलीमीटर यानी 4.8 सेंटीमीटर या मात्र 2 इंच के करीब पानी बरसा और वहाँ अकाल नहीं पड़ा। भारत में इतनी कम बारिश कहीं और...
View Articleनदी की धारा सा अविरल समाज (River connects society)
Author: मनु मुदगिल सूख चुकी नान्दूवाली नदी का फिर से बहना अकाल ग्रस्त भारत के लिये एक सुखद सन्देश है।यह कल्पना करना मुश्किल है कि यह नदी और जंगल कभी सूख चले थे। पेड़ों के साथ-साथ समाज और परम्पराओं का...
View Articleहलमा से पानी और हरियाली बचाने की अनूठी मुहिम
लेखक: मनीष वैद्यअपढ़ माने जाने वाले आदिवासी समाज ने बिना पैसों के 15 हजार जल संरचनाएँ सुबह 7 से 12 बजे तक केवल 5 घंटों में तैयार कर दी। इतना ही नहीं तीन साल पहले बनी 25 हजार जल संरचनाओं की सफाई भी की...
View Articleदेवास के किसानों की मौन क्रांति
Author: उमाकांत उमराव Source: योजना, जुलाई 2016 मध्य प्रदेश के देवास शहर में लगभग एक दशक पूर्व पीने का पानी ट्रेन से लाया गया था, उस समय के दौर में यह घटना अकल्पनीय थी। इसी के चलते चारों ओर शोर हुआ।...
View Articleनाले को पहनाए दो-दो नवलखा हार
लेखक: मनीष वैद्यमध्य प्रदेश का एक गाँव है, जो पानी पर किये गए अभूतपूर्व कामों के लिये प्रदेश का ही रोल मॉडल नहीं है बल्कि अब पूरे देश में इसे पानीदार गाँव की पदवी के साथ जाना–पहचाना जाने लगा है। यहाँ...
View Article250 साल बाद बावड़ी का पुनरुद्धार
लेखक: मनीष वैद्यआज भी जहाँ का समाज पानी के लिये उठ खड़ा होता है, वहाँ कभी किसी को पानी की किल्लत नहीं झेलनी पड़ती। पानी की चिन्ता करने वाले समाज को हमेशा ही पानीदार होने का वरदान मिलता है। ऐसा हम हजारों...
View Articleएक मरती नदी के अमर होने की कहानी
Author: उमेश कुमार राय मरणासन्न स्थिति में पहुँच चुकी इस नदी को नया जीवन देना आसान नहीं था लेकिन कनालसी गाँव के लोगों ने इस नदी को बचाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी और उनका प्रयास रंग लाया। आज इस नदी...
View Articleपालमपुर : नौले धारे बचाने की अनूठी मुहिम
Author: उमेश कुमार राय स्थानीय निकाय, प्रशासन और स्थानीय लोगों के इस साझा प्रयास ने पालमपुर में कामयाबी की नई कहानी लिखी है। जलवायु परिवर्तन, खेती की पद्धति में आये बदलाव, पानी के अकूत दोहन व अन्य...
View Articleकल्दा पठार की पहाड़ियों में थमने लगा पानी
लेखक: मनीष वैद्यपानी की समस्या दूर करने के लिये दुर्गम पठारी क्षेत्र में पहाड़ों के बीच पानी को रोक पाना बहुत मुश्किल काम था लेकिन संस्था द्वारा किये गए तकनीकी और सामाजिक बदलाव के कामों से काफी कुछ बदल...
View Articleउफरैखाल के नौले-धारे से पानीदार समाज
Author: केदार दत्त 2200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित उफरैखाल जैसे खूबसूरत स्थल के आसपास के नौले-धारे सूख चुके थे। ग्रामीणों को हलक तर करने को कई-कई किमी की दूरी पैदल नापकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ती थी।...
View Articleअब गाँव-गाँव ठाठे मार रहा नीला पानी
लेखक: मनीष वैद्यबीते सालों के मुकाबले इस साल यहाँ के तालाबों में 40 फीसदी से ज्यादा बरसाती पानी इकट्ठा हुआ और यह पानी अब काफी समय तक गाँव के लोगों के उपयोग में आ सकेगा। कुछ गाँवों में तो यह गर्मी के...
View Articleसौ से ज्यादा कुओं वाला गाँव - कैलोद
लेखक: मनीष वैद्यबीते साल करीब 65 फीसदी कुओं के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। वहीं इससे उलट कैलोद में अब भी करीब सवा सौ से ज्यादा कुएँ पानी से लबालब हैं। इनमें कई कुएँ डेढ़ सौ से पचास साल पुराने तक भी...
View Articleएक अनूठी अन्तिम इच्छा
लेखक: क्रांति चतुर्वेदीलव तालाब में डेढ़ हेक्टेयर के क्षेत्र में पानी भरा है। इस रमणीक संरचना के आस-पास के किसानों ने गर्मियों में सब्जी की फसल सहित तीन-तीन फसलें ली हैं। यहाँ अब गर्मी में भी ट्यूबवेल...
View Articleतालाब सँवरा तो गाँव के अच्छे दिन लौटे
लेखक: मनीष वैद्यग्रामीणों द्वारा डेढ़ महीने की मेहनत से तालाब का आकार खुलने लगा और 10 फीट तक गहरीकरण भी हुआ। तय हुआ कि अब कोई कचरा नहीं फेंकेगा। बारिश का पानी मोतियों की तरह तालाब में समाने लगा। बारिश...
View Articleफतेहपुर में सूखे पर फतेह
Source: राइजिंग टू द काल, 2014 अनुवाद - संजय तिवारीकिसी सरकारी योजना में ऐसा पहली बार हुआ था कि दोहन की बजाय संवर्धन पर सरकारी धन खर्च किया गया था। सरकारें ट्यूबवेल बनाकर धरती का पानी खींचने में...
View Article1700 घरों के गाँव में 800 से ज़्यादा कुंडियाँ
लेखक: मनीष वैद्यक्या आपने कभी ऐसा गाँव देखा या सुना है, जिसके हर दो में से एक घर में पानी से लबालब कुंडियाँ हों। इस जल संकट के दौर में जब पूरे गाँवभर को पानी नसीब नहीं हो पा रहा हो ऐसे में यह पानीदार...
View Articleपहाड़ी हुई हरी–भरी तो सात तालाब लबालब
लेखक: मनीष वैद्यकुछ गाँव के लोगों ने अपने पड़ोस की एक बंजर पहाड़ी को सहेजने की कोशिश की तो देखते ही देखते गाँवों के आस-पास सात तालाब और करीब 50 से ज़्यादा कुएँ पानी से लबालब हो उठे। ताज़ा–ताज़ा पानीदार हुए...
View Articleवाटर हार्वेस्टिंग सहेजें बारिश की बूँदें (Rainwater Harvesting Essay In Hindi)
Author: पूनम नेगी Source: राष्ट्रीय सहारा (संडे उमंग), 23 जुलाई, 2017 दुनिया की बड़ी आबादी आज भी पीने के पानी के लिये जद्दोजहद कर रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक जल संकट भविष्य में बड़ी समस्या होगी। उस...
View Articleसामुदायिक प्रयासों से किया कुलगाड़ में नौले को पुनर्जीवित
Author: डाॅ. मुकेश बोरा गाँव के उत्तर में एक नौला है, जिसे गाँववासी पनेरा नौला कहते हैं। यह पानी के स्रोत के साथ ग्रामीणों के लिये परम्परा एवं संस्कृति का केन्द्र है। यहाँ के निवासियों की मान्यता है...
View Articleपाँच साल से पूरा परिवार पी रहा बरसात का पानी
Author: संदीप हुड़्डा Source: राजस्थान पत्रिका, 22 सितम्बर 2017 संरक्षण के लिये एक ऐसा परिवार है जो पिछले पाँच साल से केवल बरसात का पानी उपयोग में ले रहा है। परिवार के सातों सदस्यों का मानना है कि...
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